एनजीओ को सक्षम बनाने के लिए संसाधन और सलाहकार सेवा
NGOs India (एनजीओज इंडिया) एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल है, जो स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) और गैर लाभकारी संगठनों (NPOs) को पंजीकरण, प्रबंधन और आर्थिक सहायता (फंडिंग) से संबंधित मार्गदर्शन और सूचना प्रदान करता है. यह पोर्टल एनजीओ रजिस्ट्रेशन, 80G और 12A के तहत आयकर में छूट, एफसीआरए पंजीकरण, एनजीओ दर्पण, ई-अनुदान और सीएसआर अनुदान जैसे विषयों पर सलाहकार सेवाएं उपलब्ध कराता है. इसके अतिरिक्त, यह प्रोजेक्ट प्रपोजल, वार्षिक प्रतिवेदन और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में मार्गदर्शन देता है. पोर्टल का उद्देश्य समाज सेवा क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को उनके उद्देश्यों की प्राप्ति और फंडिंग प्रक्रिया को समझने में सहायता प्रदान करना है. यह सलाहकार सेवा केवल दस्तावेजीकरण और मार्गदर्शन तक सीमित है, अनुदान दिलवाने की जिम्मेदारी नहीं लेता.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) और गैर लाभकारी संगठनों (NPOs) के लिए एक ज्ञानवर्धक ऑनलाइन सूचना संसाधन पोर्टल है. यह वेबसाइट उन संस्थाओं और व्यक्तियों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराती है जो समाज सेवा क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं के पंजीकरण, प्रबंधन और फंडिंग प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया गया है. यह पोर्टल विशेष रूप से जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि वे अपने उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें.
इस पोर्टल के माध्यम से एनजीओज को एनुअल रिपोर्ट्स, प्रोजेक्ट प्रपोजल्स और विभिन्न प्रकार के दस्तावेज तैयार करने की जानकारी भी दी जाती है. इसके अलावा, एनजीओ के लिए आवश्यक कर छूट (80G और 12A), विदेशी अनुदान के लिए एफसीआरए पंजीकरण और सीएसआर अनुदान जैसे विषयों पर भी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है. इस पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य संस्थाओं को सशक्त बनाना और उन्हें बेहतर प्रबंधन और अनुदान प्रक्रिया को समझने में मदद करना है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) उन संस्थाओं और व्यक्तियों को सलाहकार सेवाएं प्रदान करता है जो एनजीओ पंजीकरण करवाना चाहते हैं. यह पोर्टल 80G और 12A के तहत आयकर में छूट के लिए पंजीकरण, विदेशी अनुदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण और एनजीओ दर्पण या ई-अनुदान के लिए मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है. इसके साथ ही, यदि कोई संस्था सीएसआर अनुदान के लिए पात्र है, तो इसके लिए भी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज तैयार करने में मदद की जाती है.
यह पोर्टल एनजीओज के लिए केवल दस्तावेज तैयार करने और मार्गदर्शन देने की सलाहकार सेवा प्रदान करता है, न कि अनुदान दिलाने की. जो संस्थाएं आर्थिक सहायता (फंडिंग) प्राप्त करने के लिए योग्य और इच्छुक हैं, वे प्रोजेक्ट प्रपोजल, वार्षिक प्रतिवेदन और अन्य दस्तावेज तैयार करवाने हेतु कंसल्टेंसी सेवा ले सकती हैं. इस सेवा के अंतर्गत योग्य संस्थाओं को उनके कार्यक्रम और लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) और गैर लाभकारी संगठनों (NPOs) के लिए एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जहां सभी प्रकार की विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है. यह पोर्टल उन संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है, जो समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत हैं और अपनी सेवाओं को सुचारू और प्रभावी बनाना चाहती हैं.
यह पोर्टल एनजीओ पंजीकरण की प्रक्रिया, 80G और 12A के तहत आयकर में छूट, विदेशी अनुदान के लिए एफसीआरए पंजीकरण, सीएसआर अनुदान और एनजीओ दर्पण जैसे विषयों पर व्यापक जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करता है. इसके अलावा, यहां प्रोजेक्ट प्रपोजल, वार्षिक प्रतिवेदन और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करने से संबंधित सामग्री उपलब्ध है.
यह प्लेटफार्म केवल जानकारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वयंसेवी संस्थाओं को उनके दैनिक कार्यों में सहयोग देने के लिए विस्तृत मार्गदर्शन भी प्रदान करता है. सामाजिक विकास और जरूरतमंद वर्गों की सेवा के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाली संस्थाओं को यहां से फंडिंग एजेंसियों, सरकारी योजनाओं और सामाजिक मुद्दों पर अद्यतन जानकारी मिलती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) का उद्देश्य संस्थाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देना है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) सामाजिक विकास, आर्थिक न्याय और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है. यह पोर्टल संस्थाओं को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराता है. सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय संस्थाओं को सरकारी योजनाओं, निजी और विदेशी फंडिंग एजेंसियों और सीएसआर अनुदान योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है.
यह पोर्टल संस्थाओं को प्रोजेक्ट प्रपोजल तैयार करने, वार्षिक प्रतिवेदन बनाने और फंडिंग के लिए आवश्यक दस्तावेजीकरण प्रक्रिया को समझने में सहायता करता है. साथ ही, यह जमीनी स्तर पर काम करने वाली संस्थाओं को नेटवर्किंग के माध्यम से अन्य संगठनों और स्वयंसेवकों के साथ जोड़ता है, ताकि वे सामूहिक रूप से अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी बदलाव ला सकें.
इसके अलावा, एनजीओज इंडिया (NGOs India) समाज के वंचित और कमजोर वर्गों की सहायता के लिए सक्रिय संस्थाओं को उनके प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहयोग का मार्गदर्शन भी प्रदान करता है. यह पोर्टल न केवल संस्थाओं को उनके मौजूदा संसाधनों का बेहतर उपयोग करना सिखाता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करता है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) स्वयंसेवी संस्थाओं और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए एक विश्वसनीय सूचना स्रोत है. इस पोर्टल पर एनजीओ पंजीकरण से लेकर फंडिंग प्राप्त करने तक की हर आवश्यक जानकारी विस्तृत रूप में उपलब्ध है. 80G और 12A के तहत आयकर छूट, एफसीआरए पंजीकरण, सीएसआर अनुदान योजनाओं और एनजीओ प्रबंधन से संबंधित गाइडलाइंस यहां दी गई हैं.
यह पोर्टल उन संस्थाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो प्रोजेक्ट दस्तावेज, वार्षिक प्रतिवेदन और प्रोजेक्ट प्रपोजल तैयार करने में मार्गदर्शन चाहती हैं. एनजीओज इंडिया (NGOs India) की विशेषता यह है कि यह संस्थाओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार पूरी तरह अनुकूल जानकारी प्रदान करता है.
यहां दी गई जानकारी केवल दस्तावेजीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि संस्थाओं को उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने और फंडिंग प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए प्रभावी रणनीतियां भी सुझाई जाती हैं. इस पोर्टल का उद्देश्य संस्थाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना और उन्हें उनके सामाजिक कल्याण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना है
ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत किया जाता है. यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया एनजीओ के रजिस्ट्रेशन की सबसे आसान प्रक्रिया है. ट्रस्ट पंजीकरण के लिए न्यूनतम दो ट्रस्टीज की आवश्यकता होती है हालाँकि तीन ट्रस्टी होना अनुमोदित है क्योंकि सरकारी कार्यों या आगे पंजीकरण, दान आदि के लिए न्यूनतम 3 सदस्य आवश्यक होने चाहिए. ट्रस्ट में अधिकतम ट्रस्टीज की संख्या की कोई सीमा नहीं होती है.
पंजीकरण प्रक्रिया में सबसे पहले ट्रस्ट डीड तैयार करना अनिवार्य होता है. इस दस्तावेज में ट्रस्ट का उद्देश्य, ट्रस्टीज की भूमिकाएं, प्रबंधन की संरचना और प्रक्रिया का विवरण होता है. ट्रस्ट में औपचारिक तौर पर कुछ संपत्ति का भी विवरण डीड में डालना होता है. ट्रस्ट डीड को स्टांप पेपर पर प्रिंट करने के बाद संबंधित राज्य के उप-पंजीयक कार्यालय में जमा किया जाता है.
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में ट्रस्ट डीड, सभी ट्रस्टीज के पहचान प्रमाण (जैसे पैन कार्ड और आधार कार्ड), पते का प्रमाण और कार्यालय का पता शामिल होता है. पंजीकरण के बाद, ट्रस्ट को कानूनी मान्यता प्राप्त होती है, जिससे वह सरकारी और निजी फंडिंग योजनाओं में भाग लेने और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में सक्षम हो जाता है.
सोसाइटी रजिस्ट्रेशन भारतीय सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत किया जाता है. यह प्रक्रिया उन सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूहों के लिए है, जो सामूहिक रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं. सोसाइटी में न्यूनतम सात सदस्यों की आवश्यकता होती है, जबकि अधिकतम सदस्य संख्या की कोई सीमा नहीं होती.
सोसाइटी पंजीकरण के लिए मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और रूल्स एंड रेगुलेशंस तैयार करने होते है. मेमोरेंडम में सोसाइटी के उद्देश्य, गतिविधियों और सदस्यों की पहचान विवरण और पद का उल्लेख करना होता है, जबकि रूल्स एंड रेगुलेशन में सोसाइटी के संचालन और प्रबंधन से जुड़े नियम शामिल होते हैं. पंजीकरण प्रक्रिया संबंधित राज्य के रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज (Registrar of Societies) के कार्यालय में की जाती है.
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में सदस्यों की सूची, पहचान प्रमाण (पैन कार्ड/आधार कार्ड) और सोसाइटी कार्यालय का पता शामिल होता है. पंजीकरण के बाद, सोसाइटी को कानूनी मान्यता प्राप्त होती है, जिससे वह सरकारी और निजी फंडिंग योजनाओं में भाग लेने के लिए पात्र बनती है और उद्देश्यों पर कार्य कर सकती है.
कंपनी रेगिस्त्रेशन एक्ट 2013 (भारतीय कंपनी अधिनियम) के तहत गैर लाभकारी सेक्शन 8 कंपनी पंजीकरण किया जाता है. यह प्रक्रिया उन संगठनों के लिए उपयुक्त है, जो शिक्षा, पर्यावरणीय सुधार, सामाजिक कल्याण, और धर्मार्थ कार्यों में संलग्न हैं. इस पंजीकरण के लिए न्यूनतम दो निदेशकों की आवश्यकता होती है.
पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC), डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN), मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MOA), और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AOA) तैयार करना शामिल है. आवेदन प्रक्रिया संबंधित राज्य के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (Registrar of Companies) के माध्यम से की जाती है.
आवश्यक दस्तावेजों में निदेशकों और सदस्यों के पहचान पत्र, कंपनी का पता प्रमाण और वित्तीय विवरण शामिल होते हैं. पंजीकरण के बाद, सेक्शन 8 कंपनी को गैर लाभकारी संगठन (NPO) का दर्जा प्राप्त होता है, जो उन्हें सरकारी योजनाओं और फंडिंग एजेंसियों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है. इसके अतिरिक्त, यह पंजीकरण संस्था को अपने सामाजिक कल्याण लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए कानूनी और प्रशासनिक सहूलियत प्रदान करता है.
80G पंजीकरण भारतीय आयकर अधिनियम के तहत एनजीओ को यह सुविधा प्रदान करता है कि उनके दानदाताओं को उनके दान पर कर छूट मिले. यह प्रावधान दानदाताओं को प्रेरित करता है और संस्थाओं को फंडिंग प्राप्त करने में अधिक सक्षम बनाता है. यह पंजीकरण प्रक्रिया उन संस्थाओं के लिए भी जरुरी है जो सीएसआर के लिए अनुदान लेना चाहते है.
जो एनजीओ पहली बार 80 जी के तहत रजिस्टर करवातें हैं उनको तीन वर्ष का रजिस्ट्रेशन मिलता है. एनजीओ की गतिविधियाँ और बैंक में ट्रांजेक्शन शुरू होने के बाद उनको पांच वर्ष वाला रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. 80 जी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के दौरान एनजीओ का पंजीकरण प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, वार्षिक प्रतिवेदन, और वित्तीय विवरण जैसे दस्तावेज आवश्यक होते हैं.
80G पंजीकरण के लिए आवेदन संबंधित आयकर विभाग के कार्यालय में किया जाता है. दस्तावेजों की समीक्षा, फॉर्म भरने और अनुपालन सुनिश्चित करने में समय लगता है. जो दानदाता किसी ऐसे एनजीओ को दान देते है जो 80 जी के तहत पंजीकृत है उनको आयकर में 50 प्रतिशन की छूट मिलती है. आय में छोट दानदाता की आय की अधिकतम 10 प्रतिशत दान राशि पर मिल जाती है.
12A पंजीकरण के माध्यम से एनजीओ को उनकी आय पर कर छूट मिलती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति स्थिर और मजबूत बनती है. यह पंजीकरण उन संस्थाओं के लिए अनिवार्य है, जो अपनी आय पर कर राहत प्राप्त करना चाहती हैं और अपने संसाधनों का उपयोग अधिक प्रभावी ढंग से करना चाहती हैं.
सीएसआर के तहत अनुदान लेने के लिए भी यह पंजीकरण संस्थाओं के लिए जरुरी है.
जो संस्थाएं पहली बार 12 A के तहत रजिस्टर करवातें हैं उनको तीन वर्ष का रजिस्ट्रेशन मिलता है. संस्थान की गतिविधियाँ और बैंक में ट्रांजेक्शन शुरू होने के बाद उनको आवेदन प्रक्रिया पूरी करने पर पांच वर्ष वाला रजिस्ट्रेशन मिलता है.
पंजीकरण प्रक्रिया के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र, वित्तीय विवरण और उद्देश्यों का विवरण जैसे दस्तावेज जमा करना आवश्यक है. पंजीकरण आवेदन संबंधित आयकर विभाग के माध्यम से किया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान अनुपालन मानकों का पालन और दस्तावेजों का सही प्रबंधन आवश्यक होता है. 12A पंजीकरण एनजीओ को उनकी वित्तीय क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है.
सीएसआर 1 पंजीकरण उन संस्थाओं के लिए अनिवार्य है, जो कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत फंडिंग प्राप्त करना चाहती हैं. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि एनजीओ अपने प्रोजेक्ट्स और उद्देश्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान दें और कॉर्पोरेट कंपनियों से प्रभावी ढंग से जुड़ सकें.
पंजीकरण के लिए एनजीओ को अपना पंजीकरण प्रमाण पत्र, वित्तीय विवरण, वार्षिक प्रतिवेदन और एनी जानकारी के साथ आयकर से मिले 80 जी 12 ए रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों के साथ अन्य जानकारी देनी होती है. इसके अतिरिक्त, पंजीकरण के दौरान संस्था का प्रोफाइल भी देना होता है.
सीएसआर 1 पंजीकरण प्रमाण पत्र कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) से जारी किया जाता है. प्रक्रिया के दौरान संस्थान को अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, प्रमुख संचालक के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट एवं कार्यालय पते के साथ संचालनकर्ताओं के बारे में विवरण देना होता है. संस्थाओं को कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत दान देने वाली कम्पैनियों से दान लेने के लिए प्रोजेक्ट के साथ सीएसआर पंजीकरण दस्तावेज देना अनिवार्य होता है.
वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report) किसी एनजीओ की गतिविधियों, उपलब्धियों, वित्तीय स्थिति और आगामी योजनाओं का विस्तृत विवरण होता है. यह दस्तावेज संस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को दर्शाता है, जो दानदाताओं, फंडिंग एजेंसियों और सरकारी निकायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
इस रिपोर्ट में पूरे वर्ष की प्रोजेक्ट गतिविधियां, सामाजिक प्रभाव, वित्तीय व्यय, और फंडिंग का उपयोग शामिल होता है. वार्षिक प्रतिवेदन न केवल कानूनी अनुपालन के लिए आवश्यक है, बल्कि यह दानदाताओं और हितधारकों के सामने संस्था की सफलता को प्रदर्शित करने का एक माध्यम भी है. यह संस्था के कार्यों की प्रभावशीलता और उनकी स्थिरता को दिखाने में सहायक होता है.
रिपोर्ट तैयार करते समय परिचय, उद्देश्य, प्रोजेक्ट विवरण, सामाजिक प्रभाव का आकलन, वित्तीय लेखा-जोखा और आगामी योजनाओं को शामिल करना अनिवार्य होता है. यह दस्तावेज संस्थाओं को अधिक फंडिंग प्राप्त करने और अपनी गतिविधियों में पारदर्शिता बनाए रखने में सहायता करता है.
एफसीआरए (फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) रजिस्ट्रेशन एनजीओ को विदेशी अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है. यह पंजीकरण विदेशी फंडिंग के उपयोग को नियंत्रित बनाने के लिए है.
एफसीआरए रजिस्ट्रेशन दो प्रकार के होते हैं. पहला तीन वर्ष अगर एक दानदाता (एजेंसी, कंपनी या निजी दानकर्ता) दान देने वाले है तो इसके लिए प्रायर परमिशन लेना होता है. स्थाई एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के लिए वे एनजीओ आवेदन के पात्र हैं जिनके पंजीयन के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाता है और 15 लाख रुपए समाजिक सेवा कार्य में खर्च किए होते हैं. जिन संस्थाओं के कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे नहीं होते हैं वे प्रायर परमिशन के तहत आवेदन कर सकती है.
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आवेदन करना, आवश्यक दस्तावेजों और सरकारी मानदंडों का अनुपालन आवश्यक है. इसके लिए वार्षिक प्रतिवेदन, फंडिंग उपयोग का विवरण आदि देना होता है. यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद, एनजीओ को विदेशी अनुदान प्राप्त करने की अनुमति मिलती है.
कांसेप्ट नोट (Concept Note) किसी भी प्रोजेक्ट का प्रारंभिक दस्तावेज होता है, जो फंडिंग एजेंसियों और दानदाताओं को प्रोजेक्ट की मूल अवधारणा, उद्देश्य और परिणामों का परिचय देता है. यह दस्तावेज फंडिंग के लिए दानदाताओं का ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
कांसेप्ट नोट तैयार करने में समस्या का विश्लेषण, प्रस्तावित समाधान, लक्षित लाभार्थियों की जानकारी, कार्य योजना, बजट, और प्रोजेक्ट के संभावित परिणामों का विवरण शामिल होता है. यह दानदाताओं को यह समझने में मदद करता है कि प्रोजेक्ट उनके उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के साथ कितनी सटीकता से मेल खाता है.
यह दस्तावेज फंडिंग प्रक्रिया का पहला चरण होता है और इसे स्पष्ट, संक्षिप्त और प्रभावी ढंग से तैयार करना आवश्यक होता है. एक प्रभावी कांसेप्ट नोट संस्थाओं को उनके सामाजिक कल्याण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फंडिंग प्राप्त करने में मदद करता है और दानदाताओं को उनकी प्रासंगिकता और महत्व का विश्वास दिलाता है.
एनजीओ दर्पण भारत सरकार का एक ऑनलाइन पोर्टल है, जो गैर लाभकारी संगठनों (NPOs) और स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) को पंजीकरण और उनकी जानकारी अद्यतन करने की सुविधा प्रदान करता है. NGOs India (एनजीओज इंडिया) इस पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को समझने और पूरा करने में संस्थाओं को मार्गदर्शन प्रदान करता है.
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में एनजीओ का पंजीकरण प्रमाण पत्र, संस्थान का पैन कार्ड, और प्रबंधन समिति की सूची शामिल होती है. पोर्टल पर पंजीकरण से संस्थाओं को सरकारी और निजी फंडिंग योजनाओं में भाग लेने और अपनी पहचान को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है.
एनजीओज इंडिया पंजीकरण प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में सहायता प्रदान करता है, जिसमें प्रोफाइल तैयार करना, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना और समय पर जानकारी अद्यतन करना शामिल है. यह पोर्टल संस्थाओं को उनकी फंडिंग संभावनाओं को बढ़ाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है.
ई-अनुदान पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो एनजीओ और गैर लाभकारी संगठनों को सरकारी फंडिंग योजनाओं में आवेदन करने की सुविधा प्रदान करता है. NGOs India (एनजीओज इंडिया) ई-अनुदान पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और इसे प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है.
इस प्रक्रिया में संस्थाओं को पंजीकरण के लिए अपना प्रोफाइल तैयार करना, प्रोजेक्ट विवरण और वार्षिक प्रतिवेदन अपलोड करना होता है. पंजीकरण के बाद, संस्थाओं को फंडिंग योजनाओं के लिए आवेदन करने और उनकी प्रगति की निगरानी करने में सहूलियत होती है.
यह पोर्टल संस्थाओं को सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और फंडिंग एजेंसियों के मानदंडों का पालन करने में मदद करता है. ई-अनुदान पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से संस्थाएं सरकारी योजनाओं से जुड़कर अपने सामाजिक कल्याण कार्यों को सशक्त बना सकती हैं.
केन्द्रीय मंत्रालयों के पोर्टल्स पर पंजीकरण, एनजीओज के लिए सरकारी अनुदान प्राप्त करने की अनिवार्य प्रक्रिया है. यह पंजीकरण संस्थाओं को सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में भाग लेने और फंडिंग के अवसरों का लाभ उठाने के लिए पात्र बनाता है. NGOs India (एनजीओज इंडिया) इस प्रक्रिया को समझने और पूरा करने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करता है.
इस पंजीकरण के लिए संस्थाओं को आवश्यक दस्तावेज, जैसे पंजीकरण प्रमाण पत्र, प्रोजेक्ट विवरण, और वित्तीय रिपोर्ट तैयार करनी होती है. इसके अतिरिक्त, संस्थाओं को अपनी परियोजनाओं का प्रोफाइल और उनके सामाजिक प्रभाव का विवरण भी प्रस्तुत करना होता है.
यह पोर्टल एनजीओज को पंजीकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने, फंडिंग एजेंसियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने, और सरकारी योजनाओं से जुड़ने में मदद करता है. यह सेवा संस्थाओं को उनकी फंडिंग संभावनाओं को बढ़ाने और उनके कार्यक्षेत्र को विस्तारित करने में सक्षम बनाती है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) स्वयंसेवी संस्थाओं को कानूनी और नियामक बदलावों के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान करता है. एनजीओज के लिए कानूनों और नीतियों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है. इन परिवर्तनों को समझने और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सटीक और अद्यतन जानकारी आवश्यक है.
नवीनतम अपडेट में एफसीआरए संशोधन, सीएसआर फंडिंग से संबंधित नियम, आयकर छूट के प्रावधान (80G और 12A) और पंजीकरण प्रक्रियाओं में बदलाव शामिल हैं. इसके अलावा, नए अनुपालन मानदंड, वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया और वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के दिशा-निर्देशों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है.
NGOs India संस्थाओं को इन बदलावों को समझने, उनके प्रभावों का आकलन करने और अनुपालन प्रक्रियाओं को सही ढंग से पूरा करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है. यह सेवा उन संस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी कानूनी स्थिति को मजबूत और भरोसेमंद बनाना चाहती हैं.
सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment) किसी भी एनजीओ के प्रोजेक्ट्स और अभियानों के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को मापने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को उनके प्रोजेक्ट्स के प्रभाव का आकलन करने के लिए व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है.
इस आकलन का उद्देश्य यह समझना होता है कि किसी परियोजना ने लक्षित लाभार्थियों और समाज पर किस प्रकार का प्रभाव डाला है. यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है, जैसे प्रभाव का प्रारंभिक मूल्यांकन, डेटा संग्रह और परिणामों का विश्लेषण. NGOs India संस्थाओं को प्रासंगिक डेटा संग्रह के लिए उपकरण और रणनीतियां प्रदान करता है, जैसे सर्वेक्षण, फोकस ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार.
इसके अतिरिक्त, आकलन के परिणामों को दस्तावेज़ और रिपोर्ट के रूप में तैयार करने में भी सहायता दी जाती है, ताकि दानदाताओं, फंडिंग एजेंसियों और अन्य हितधारकों को स्पष्ट और प्रमाणिक जानकारी दी जा सके. यह सेवा उन एनजीओ के लिए अत्यधिक उपयोगी है, जो अपने अभियानों की सफलता और प्रभावशीलता को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करना चाहते हैं.
एनजीओ के स्टाफ और वोलंटियर्स की क्षमता का निर्माण उनकी दक्षता और प्रोजेक्ट्स की सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को उनके स्टाफ और वोलंटियर्स के लिए स्किल्स अपग्रेड और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सहायता प्रदान करता है. प्रशिक्षित कार्यकर्त्ता, प्रबंधक और वालंटियर्स संस्थान का संचालन, प्रबंधक अच्छे तरीके से कर सकते है.
यह सेवा संस्थाओं को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने में मदद करती है. इन मॉड्यूल में नेतृत्व कौशल, वित्तीय प्रबंधन, प्रोजेक्ट प्रबंधन और संचार कौशल जैसे विषय शामिल होते हैं. इसके अतिरिक्त, वोलंटियर्स के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन सत्र आयोजित करने के लिए भी मार्गदर्शन दिया जाता है.
NGOs India का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संस्थाएं अपनी टीम को आधुनिक तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं से लैस करें. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एनजीओज की दक्षता को बढ़ाते हैं और उन्हें अपने मिशन को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम बनाते हैं
फंड (अनुदान) की व्यवस्था स्वयं सेवी संस्थानों के लिए अपने निर्धारित कार्यकरण आय=उर गतिविधियाँ सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए आवश्यक होता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) इस पोर्टल के माध्यम से संस्थाओं को धन की व्यवस्था के नवीनतम और प्रभावी तरीकों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है.
क्राउडफंडिंग आज के समय में अनुदान की व्यवस्था का एक लोकप्रिय माध्यम बन चुका है. संस्थाएं विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके अपने अभियानों के लिए समर्थन प्राप्त कर सकती हैं. इसके अलावा, गैर सरकारी संस्थाएं अनुदान के लिए विभिन्न आयोजन जैसे मैराथन, कला प्रदर्शनियां और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करके भी धन और संसाधन जुटा सकते हैं.
ऑनलाइन फंडरेजिंग के लिए डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग, जैसे सोशल मीडिया अभियान और ईमेल मार्केटिंग, धन उगाहने की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करता है. NGOs India संस्थाओं को इन तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंचने के लिए रणनीतियां प्रदान करता है
भारत सरकार और राज्य सरकारें स्वयंसेवी संस्थाओं को विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती हैं. एनजीओज इंडिया (NGOs India) इन योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया का मार्गदर्शन प्रदान करता है.
केंद्र सरकार की योजनाओं में महिला और बाल विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाएं प्रमुख हैं. एनजीओ को सरकारी अनुदान देने के लिए अधिकतर मामलों में तीन वर्ष का सक्री अनुभव आवश्यक है और बैंक में आय व्यय का विवरण भी आवश्यक है. जो एनजीओ सरकरी प्रोजेक्ट लेना चाहते है उनको एनजीओ दर्पण और इ-अनुदान में पंजीयन अनिवार्य है तथा जिस मंत्रालय या विभाग से अनुदान चाहिए उसमें भी पंजीकरण करवाना होता है.
सरकारी प्रोजेक्ट के जरिए अनुदान लेने वाले एनजीओ को अपने संसथान का वर्ष का वार्षिक प्रतिवेदन (एनुअल रिपोर्ट) जिसमें कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का विवरण हो. इसके साथ संसथान की ऑडिट और एनी विवरण भी जो मार्गदर्शन में दिया होता है वह देना जरुरी है.
भारत सरकार और राज्य सरकारें स्वयंसेवी संस्थाओं को विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती हैं. एनजीओज इंडिया (NGOs India) इन योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया का मार्गदर्शन प्रदान करता है.
केंद्र सरकार की योजनाओं में महिला और बाल विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाएं प्रमुख हैं. इनमें स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और मनरेगा जैसी योजनाएं शामिल हैं. राज्य सरकारें भी शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण से संबंधित योजनाएं चलाती हैं.
इस पोर्टल पर संस्थाओं को प्रत्येक योजना की पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दिया जाता है. NGOs India का उद्देश्य है कि संस्थाएं इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाकर अपने प्रोजेक्ट्स को प्रभावी ढंग से लागू करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) समाज सेवा और सामाजिक विकास में रुचि रखने वाले व्यक्तियों और संगठनों को एनजीओ पंजीकरण के लिए व्यापक परामर्श सेवा प्रदान करता है. समाज के वंचित वर्गों के उत्थान और सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्यरत संस्थाओं के लिए एनजीओ के रूप में पंजीकरण आवश्यक हो जाता है. यह पंजीकरण न केवल उनके कार्यक्षेत्र को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें सरकारी, गैर-सरकारी और विदेशी आर्थिक सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है.
इस पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए विभिन्न चरणों की जानकारी दी जाती है. चाहे वह ट्रस्ट, सोसायटी, या सेक्शन 8 कंपनी के रूप में पंजीकरण हो, यहां संस्थाओं को उनके उद्देश्यों के आधार पर सही प्रकार का पंजीकरण चुनने में मार्गदर्शन किया जाता है. इसके अतिरिक्त, एनजीओ पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची, फॉर्मेट्स और प्रक्रिया संबंधी सभी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है.
पंजीकरण के बाद संस्थाओं को फंडिंग और प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष मार्गदर्शन दिया जाता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) का लक्ष्य है कि संस्थाएं समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के अपने प्रयासों को व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकें.
ट्रस्ट पंजीकरण एनजीओ के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका है, जो भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत किया जाता है. यह प्रक्रिया एनजीओ को कानूनी मान्यता और संरचना प्रदान करती है, ताकि वे समाज सेवा और परोपकार के लिए संगठित रूप से कार्य कर सकें. एनजीओज इंडिया (NGOs India) ट्रस्ट पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा उन संस्थाओं के लिए आदर्श है, जो अपने सामाजिक कल्याण लक्ष्यों को कानूनी सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ पूरा करना चाहती हैं.
• ट्रस्ट डीड का मसौदा तैयार करना
• ट्रस्टीज की सूची और आवश्यक दस्तावेज तैयार करना
• पैन कार्ड, आधार कार्ड, और संपत्ति स्वामित्व प्रमाण पत्र से संबंधित मार्गदर्शन
• ट्रस्ट के उद्देश्यों और संचालन नियमावली का निर्माण
• पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने और उसके बाद के अनुपालन के लिए दिशानिर्देश
सोसाइटी पंजीकरण उन संस्थाओं के लिए आदर्श प्रक्रिया है, जो सामूहिक रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा या पर्यावरण संरक्षण जैसे उद्देश्यों के लिए काम करना चाहती हैं. यह पंजीकरण भारतीय सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत किया जाता है, जो संगठन को कानूनी मान्यता और संरचना प्रदान करता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) सोसाइटी पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा संस्थाओं को उनके उद्देश्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचा तैयार करने में मदद करती है.
सेक्शन 8 कंपनी पंजीकरण उन संगठनों के लिए एक उपयुक्त प्रक्रिया है, जो शिक्षा, धर्मार्थ कार्य, सामाजिक कल्याण और पर्यावरणीय सुधार जैसे उद्देश्यों के लिए काम करना चाहते हैं. यह पंजीकरण भारतीय कंपनियों अधिनियम, 2013 के तहत किया जाता है और संस्था को गैर लाभकारी संगठन (NPO) के रूप में कानूनी मान्यता प्रदान करता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) इस प्रक्रिया को प्रभावी और सरल बनाने के लिए व्यापक परामर्श सेवाएं प्रदान करता है, जिससे संस्थाएं अपने सामाजिक उद्देश्यों को कानूनी ढांचे के साथ पूरा कर सकें.
• डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) का पंजीकरण
• मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MOA) और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AOA) तैयार करना
• पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र और संबंधित दस्तावेज तैयार करना
• वित्तीय और कानूनी अनुपालनों के लिए मार्गदर्शन
• प्रोजेक्ट और फंडिंग योजनाओं के लिए रणनीति तैयार करना
एनजीओज इंडिया (NGOs India) गैर लाभकारी संस्थाओं को उनकी रिपोर्टिंग और दस्तावेजीकरण प्रक्रियाओं को पेशेवर और प्रभावी बनाने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. एक सटीक और प्रभावी रिपोर्ट न केवल संस्थाओं की पारदर्शिता को बढ़ाती है, बल्कि दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों के बीच उनकी विश्वसनीयता भी सुनिश्चित करती है.
इस सेवा के तहत, वार्षिक प्रतिवेदन, प्रोजेक्ट प्रपोजल, और सामाजिक प्रभाव आकलन जैसे दस्तावेज तैयार करने में मार्गदर्शन दिया जाता है. दस्तावेजों की संरचना और प्रस्तुति को बेहतर बनाने के लिए मानक फॉर्मेट और गाइडलाइंस भी उपलब्ध कराए जाते हैं.
एनजीओज इंडिया का उद्देश्य है कि संस्थाएं अपनी रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करें और अपनी उपलब्धियों और गतिविधियों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकें.
वार्षिक प्रतिवेदन (एनुअल रिपोर्ट) किसी भी एनजीओ की पारदर्शिता और विश्वसनीयता का प्रतीक होता है. यह दस्तावेज संस्था की गतिविधियों, उपलब्धियों, वित्तीय स्थिति, और आगामी योजनाओं को दर्शाता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है, ताकि संस्थाएं इसे पेशेवर और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकें. यह सेवा दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों के सामने संस्था की पहचान को मजबूत बनाने में मदद करती है.
कांसेप्ट नोट किसी भी प्रोजेक्ट के लिए एक प्रारंभिक प्रस्ताव होता है, जो दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों को प्रोजेक्ट का संक्षिप्त परिचय देता है. यह प्रोजेक्ट के उद्देश्य, समस्या, और समाधान का विवरण प्रस्तुत करता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को प्रभावी कांसेप्ट नोट तैयार करने में परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा दानदाताओं को प्रभावित करने और फंडिंग की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायता करती है.
प्रोजेक्ट आंकलन और विश्लेषण रिपोर्ट किसी भी प्रोजेक्ट की प्रगति और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह रिपोर्ट प्रोजेक्ट के लक्ष्यों, कार्यान्वयन की सफलता, और उसके सामाजिक प्रभाव को मापने में मदद करती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को प्रोजेक्ट आंकलन और विश्लेषण रिपोर्ट तैयार करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों के सामने संस्था की विश्वसनीयता को बढ़ाने में सहायक होती है.
• डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) का पंजीकरण
• मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MOA) और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AOA) तैयार करना
• पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र और संबंधित दस्तावेज तैयार करना
• वित्तीय और कानूनी अनुपालनों के लिए मार्गदर्शन
• प्रोजेक्ट और फंडिंग योजनाओं के लिए रणनीति तैयार करना
एनजीओज इंडिया (NGOs India) स्वयंसेवी संस्थाओं को आयकर और वित्तीय पंजीकरण प्रक्रियाओं को समझने और उन्हें पूरा करने के लिए व्यापक परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. आयकर छूट जैसे 80G और 12A पंजीकरण संस्थाओं की फंडिंग संभावनाओं को मजबूत करने और दानदाताओं को प्रोत्साहित करने में सहायक होते हैं.
यह सेवा संस्थाओं को सही दस्तावेज तैयार करने, आवेदन प्रक्रिया पूरी करने, और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करती है. इसके अलावा, एफसीआरए पंजीकरण के माध्यम से विदेशी फंडिंग प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाता है.
एनजीओज इंडिया का उद्देश्य है कि संस्थाएं अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से संभालें और फंडिंग के अधिक अवसर प्राप्त करें.
आयकर छूट के लिए 80G पंजीकरण एनजीओ की विश्वसनीयता को बढ़ाने और दानदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है. यह पंजीकरण दानदाताओं को उनके योगदान पर कर में छूट प्रदान करता है, जिससे एनजीओ को अधिक आर्थिक सहायता प्राप्त होती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) 80G पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा संस्थाओं को सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और आवेदन प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने में सहायता करती है.
• आवश्यक दस्तावेजों जैसे पैन कार्ड, एनजीओ पंजीकरण प्रमाण पत्र, और वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करना
• आवेदन फॉर्म भरने और सबमिशन में मार्गदर्शन
• दानदाताओं को कर छूट प्रदान करने की प्रक्रिया को समझाना
• पंजीकरण के बाद अनुपालन आवश्यकताओं का विवरण
• आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी नियम और गाइडलाइंस प्रदान करना
आयकर छूट के लिए 12A पंजीकरण किसी भी एनजीओ की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने का पहला कदम है. यह पंजीकरण एनजीओ को उनकी आय पर आयकर से छूट प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिससे उनकी फंडिंग क्षमता में वृद्धि होती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) 12A पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने और इसे सही तरीके से पूरा करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा संस्थाओं को दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों के सामने अधिक विश्वसनीय बनाने में मदद करती है.
• पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे पंजीकरण प्रमाण पत्र, वित्तीय विवरण, और उद्देश्य का विवरण तैयार करना
• आवेदन फॉर्म भरने और सबमिशन में मार्गदर्शन
• आयकर छूट के नियम और शर्तों का स्पष्टीकरण
• पंजीकरण के बाद अनुपालन प्रक्रियाओं का विवरण
• प्रक्रिया से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए विशेषज्ञ सलाह
सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) अनुदान के लिए एनजीओ को पात्र बनाने सीएसआर के तहत और 80 जी 12 ए के तहत पंजीकरण आवश्यक होता है. कॉर्पोरेट कंपनियां सामाजिक कल्याण परियोजनाओं के लिए किस आधार पर अनुदान देती है इसकी जानकारी दी जाती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) सीएसआर अनुदान प्रक्रिया को समझने और इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. एनजीओ को सही कॉर्पोरेट साझेदारों की पहचान करने और उनके साथ प्रभावी ढंग से संपर्क करने मार्गदर्शन करती है.
• सीएसआर नियम प्रक्रिया समझाने गाइडलाइंस
• प्रोजेक्ट प्रपोजल तैयार करना एवं कंपनियों में देने मार्गदर्शन करना
•अनुदान योग्यता हेतु सीएसआर 1 के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना
• अनुदान प्राप्त करने के लिए 80G और 12A पंजीकरण में सहायता
•सीएसआर अनुदान करने वाली प्रमुख कंपनियों के बारे में कंसल्टेंसी के तहत जानकारी
एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को अनुदान प्राप्त करने के लिए प्रोजेक्ट प्रपोजल और प्रोफाइल दस्तावेज तैयार करने में विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. प्रोजेक्ट प्रपोजल दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों को संस्था के उद्देश्य, कार्य योजना और अपेक्षित परिणामों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने का एक माध्यम है.
यह सेवा एनजीओज को फंडिंग के लिए आवश्यक सभी दस्तावेजों को तैयार करने, सही संरचना और पेशेवर फॉर्मेट का पालन करने में मदद करती है. प्रोजेक्ट के उद्देश्य, कार्यान्वयन प्रक्रिया, बजट और सामाजिक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए गाइडलाइंस दी जाती हैं.
संस्थाओं को उनकी प्रोफाइल दस्तावेज तैयार करने में भी सहायता दी जाती है, ताकि वे फंडिंग एजेंसियों और दानदाताओं के सामने अपनी पहचान और कार्यक्षमता को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकें. एनजीओज इंडिया का उद्देश्य है कि संस्थाएं अनुदान प्राप्त करने की संभावनाओं को बढ़ाएं और अपने सामाजिक कल्याण के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करें.
सरकार से, कंपनियों से सीएसआर के तहत और विदेशी दानदाताओं से अनुदान लेने प्रोजेक्ट प्रपोजल बनाकर देना होता है, जो संस्थान की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को प्रमाणित करते हैं.
प्रोजेक्ट प्रपोजल ऐसा बनाया जाता है जिसके अधर पर दानदाता और फंडिंग एजेंसियां अनुदान दे सकें. एनजीओज इंडिया (NGOs India) इन दस्तावेजों को पेशेवर और प्रभावी ढंग से तैयार करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा संस्थाओं को उनकी फंडिंग संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करती है.
• अनुदान हेतु प्रस्तुत प्रोपोजल ही प्रोजेक्ट मिलने का जरिया होता है जिसमें कार्य योजना और बजट तैयार करने होते है
• लक्षित लाभार्थियों और अपेक्षित परिणामों का विवरण
• वार्षिक गतिविधियों और उपलब्धियों का लेखा-जोखा
• वित्तीय विवरण और सामाजिक प्रभाव की प्रस्तुति
• फंडिंग एजेंसियों और दानदाताओं की आवश्यकताओं के अनुसार प्रभावी प्रपोजल दस्तावेजबनाने की सेवा योग्य एनजीओ को दी जाती है
फंडिंग प्रक्रिया के लिए प्रभावी दस्तावेजीकरण एनजीओज की फंडिंग संभावनाओं को बढ़ाने और उनकी विश्वसनीयता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) आर्थिक अनुदान और फंडिंग प्रक्रिया के लिए दस्तावेज तैयार करने में विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा एनजीओज को प्रोजेक्ट प्रपोजल, वार्षिक प्रतिवेदन, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में सहायता करती है. इन दस्तावेजों के माध्यम से एनजीओज दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों का विश्वास अर्जित कर सकते हैं.
विदेशी अनुदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए (फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) पंजीकरण आवश्यक है. यह पंजीकरण एनजीओज को कानूनी रूप से विदेशों से धन प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिससे वे अपने सामाजिक कल्याण कार्यों का विस्तार कर सकते हैं. एनजीओज इंडिया (NGOs India) एफसीआरए पंजीकरण प्रक्रिया को समझने और इसे प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा एनजीओज को दस्तावेज तैयार करने, आवेदन प्रक्रिया को समझने और अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद करती है.
एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को उनकी एकाउंटिंग, ऑडिट सहित वित्तीय प्रबंधन और अनुपालन आवश्यकताओं को सुचारू रूप से पूरा करने में विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. वित्तीय प्रबंधन एक एनजीओ की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
यह सेवा संस्थाओं को आय-व्यय लेखा तैयार करने, ऑडिट रिपोर्ट बनाने, और वार्षिक वित्तीय रिटर्न दाखिल करने में मार्गदर्शन देती है. इसके अतिरिक्त, यह संस्थाओं को उनके वित्तीय रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करने और अनुपालन प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए जरूरी सहायता प्रदान करती है.
एनजीओज इंडिया का उद्देश्य है कि संस्थाएं अपने वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करें और दानदाताओं और फंडिंग एजेंसियों के बीच अपनी विश्वसनीयता को और बढ़ाएं.
ऑडिट रिपोर्ट किसी भी एनजीओ की वित्तीय पारदर्शिता और विश्वसनीयता का प्रमाण होती है. यह रिपोर्ट फंडिंग एजेंसियों, दानदाताओं, और सरकारी निकायों को यह आश्वासन देती है कि संस्था द्वारा प्राप्त धन का सही उपयोग हो रहा है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने और प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा एनजीओ की वित्तीय जिम्मेदारियों को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से निभाने में मदद करती है.
आय-व्यय का लेखा (Income-Expenditure Statement) किसी भी एनजीओ की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह दस्तावेज संस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है, जिससे फंडिंग एजेंसियों और दानदाताओं का विश्वास बढ़ता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को आय-व्यय का लेखा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करता है. यह सेवा एनजीओ को उनके वित्तीय प्रबंधन को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने में मदद करती है.
एनजीओ का प्रभावी प्रबंधन और संचालन उनकी सफलता का आधार है. यह संगठनात्मक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में मदद करता है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को उनके प्रबंधन और संचालन में सुधार के लिए विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं प्रदान करता है. यह सेवा संस्थाओं को बेहतर प्रशासनिक ढांचा तैयार करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने में सहायता करती है, ताकि वे अपने सामाजिक कल्याण उद्देश्यों को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें.
सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ उठाने के लिए एनजीओ का विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी पोर्टलों पर पंजीकरण आवश्यक है. यह प्रक्रिया संस्थाओं को सरकारी आर्थिक सहायता प्राप्त करने और उनके सामाजिक कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने का अधिकार प्रदान करती है. एनजीओज इंडिया (NGOs India) द्वारा संस्थाओं को इन पंजीकरण प्रक्रियाओं को समझने और उसे पूरा करने के लिए मार्गदर्शन एवं परामर्श सेवा प्रदान किया जाता है.
एनजीओ दर्पण (ngodarpan.gov.in) पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो गैर लाभकारी संगठनों को पंजीकरण और जानकारी अद्यतन करने की सुविधा प्रदान करता है. एनजीओ को सरकारी अनुदान लेने के लिए यूनिक आई डी एनजीओ दर्पण से जरी किया जाता है. एनजीओज इंडिया संस्थाओं को एनजीओ दर्पण पर पंजीकरण प्रक्रिया को करने में मार्गदर्शन और सेवा देता है.
सरकारी अनुदान के लिए ई-अनुदान पोर्टल पर एनजीओ का पंजीकरण करना होता है. भारत सरकार द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकारी योजनाओं और फंडिंग प्राप्त करने में आवश्यक ई-अनुदान पंजीकरण करवाने की सेवा एनजीओज इंडिया द्वारा दी जाती है. इसके लिए एनजो दर्पण में पंजीयन होना और यूनिक आईडी होना आवश्यक है. ईअनुदान से फंडिंग आवेदन में मार्गदर्शन मिलता है.
बैठकें किसी भी एनजीओ की कार्यप्रणाली को संगठित और पारदर्शी बनाने का आधार हैं. एनजीओज इंडिया (NGOs India) संस्थाओं को प्रभावी बैठकें आयोजित करने और प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान करता है. एक सुनियोजित बैठक न केवल निर्णय लेने के लिए आवश्यक होती है, बल्कि आयोजनों एवं कार्यक्रमों के संचालन के लिए भी करनी होती है. इसके लिए बठकों के परताव और निर्णय की कार्यवाही के दस्तावेज तैयार करने पड़ते है.
अगर किसी विषय में सिर्फ जानकारी चाहते है तो आप वेबसाइट से जानकारी ले सकते है.
किसी प्रकार की सूचना के लिए या दान लेने के लिए कॉल नहीं करें.
अगर आप सिर्फ सलाहकार सेवा चाहते हैं तभी आपसे अनुरोध है कि मोबाइल पर कॉल कर लीजिए – 9311330044.