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एनजीओ रजिस्ट्रेशन

एनजीओ के प्रकार : ट्रस्ट, सोसाइटी और सेक्शन 8 गैर लाभकारी कंपनी

स्वयं सेवी संस्थान के पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) के प्रकार व प्रक्रियाएं

स्वयंसेवी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशनNGO Registration
NGO Registration Methods (संस्था रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियाएं)

संस्था रजिस्ट्रेशन की विभिन्न प्रक्रियाएं : Trust, Society and Non profit Company
स्वयं सेवी संस्थान का रजिस्ट्रेशन कई प्रकार से हो सकता है. भारत के अधिकांश राज्यों और केंद्र स्तर पर स्वयं सेवी संस्थान (NGO) को ट्रस्ट, सोसायटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कोई भी हो ट्रस्ट, सोसायटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी एक गैर लाभकारी स्वयं सेवी संस्थान अर्थात एनजीओ (NGO) ही होते है. उन्हें अनुदान मिलने या किसी और प्रकार में कोई अंतर नहीं रहता उनमें प्रमुख अंतर उनके प्रबंधन और संचालन का रहता है.

ट्रस्ट, सोसायटी और नॉन प्रॉफिट कंपनी, सोसायटी और ट्रस्ट में अंतर

संस्था कैसे रजिस्टर करवाएं ( गैर सरकारी संगठन/अलाभकारी संगठन )
How to register NGO
> सोसायटी कैसे रजिस्टर करवाएं: संस्था को सोसायटीज एक्ट के तहत कैसे रजिस्टर करवाएं.
> ट्रस्ट कैसे रजिस्टर करवाएं: इंडियन ट्रस्ट एक्ट के तहत संस्था कैसे रजिस्टर करवाएं.स्वयंसेवी संस्था NGO रजिस्ट्रेशन, ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन, सोसायटी रजिस्ट्रेशन के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं तो NGO Consultancy से सम्पर्क करें
संस्था रजिस्टर करवाने के लिए सम्पर्क करें : संस्था रजिस्टर करवाएं NGO Registration
 
क्या सरकारी कर्मचारी या अधिकारी एनजीओ के सदस्य या फाउंडर हो सकते है?
Can any Government Employee or Officer be the member of NGO?

हाँ, सरकारी कर्मचारी या अधिकारी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के सदस्य या संस्थापक हो सकते है. लेकिन वे एक वैतनिक कर्मचारी के रूप में नहीं रह सकते. बिना लाभ के किसी भी समाज सेवा के कार्य को कर सकते है.
 
संस्था रजिस्टर करवाएं
ट्रस्ट, सोसायटी, नॉन प्रॉफिट कम्पनी, बॉम्बे ट्रस्ट, देवस्थान ट्रस्ट में क्या समानताएं है और क्या अन्तर है तथा इनके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में क्या अंतर है, यह सब जानने के लिए आप यहाँ से जानकारी ले सकते हैं.
हमारा मर्ह्दर्शन और सहयोग संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाने और संस्था के रजिस्टर्ड हो जाने के बाद संस्था संचालन, प्रबंधन, प्रोजेक्ट डिजाईन, फंड जुटाने, डोक्यूमेंटेशन करवाने, 12 ए-80 जी रजिस्ट्रेशन करवाने से लेकर FCRA मार्गदर्शन व संस्था संबंधित लगभग सभी कार्यों में रहता है.सामाजिक सेवा क्षेत्र में कार्य करने हेतु स्वयं सेवी संस्था (NGO) रजिस्ट्रेशन करवाना एक प्रारंभिक कदम है. संस्था रजिस्ट्रेशन के बाद संस्था लगातार सक्रिय रहकर अपने कार्य उद्देश्यों को किस तरह से पूरा करे यह संस्था संचालकों के लिए एक मुख्य जरूरी मुद्दा है. हम वास्तव में समाज सेवा करने वाली संस्था संचालकों को संस्था के सेटअप में, संचालन में, प्रबंधन में पूरा सहयोग-मार्गदर्शन करते है. हम ऐसे लोगों का कतई किसी भी तरह से सहयोग नहीं करते हैं जिन्होने निजी लाभ व धन कमाने के उद्देश्य से संस्था बनाई है. स्वयंसेवी संस्था समाज-सभ्यता के कल्याण और विकास के लिए बनाई जाती है. स्वयंसेवी संस्था का एकमात्र उद्देश्य ही जरुरतमंद की मदद करना और विश्व कल्याण की दिशा में हमेशा कार्य करते रहना है.
यदि कोई ये सोच रहा हो कि इधर संस्था रजिस्टर्ड करवाई और इधर वित्तीय सहायता से धन और मदद आनी शुरू हो जाएगी तो वह गलत सोच रहे है. ऐसे लोग कारोबारे प्रवृत्ति और मनोवृत्ति के होते है जो जनहित की राशि का निजी लाभ लेने के लिए इस कार्य में आना चाहते है. ऐसे लोगों के कारण संस्थानों की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. धन व निजी लाभ अर्जित करने के लिए संस्थान का गठन और संचालन एक ऐसे तबके का कार्य है जिसके कारण समाज व्यवस्था का स्वरुप अराजक और बिगड़ा हुआ है. इस तरह की मनोवृत्ति के लोग संस्थानों में ही नहीं समाज में अधिकांश जगह मिलते है, इसलिए समाज परिवर्तन और समाज सुधार की बात करने वाले स्वयं सेवी संगठनों को सबसे पहले अपने क्षेत्र में ऐसे व्यक्तिओं को अलग करना होगा और बेनकाब करना होगा जो इस व्यवस्था को अराजक बना रहे है और लक्ष्य से विपरीत निजी लाभ के लिए स्तेमाल कर रहे है, करना चाहते है; और यह अनैतिक और गैर कानूनी है.
लेकिन ऐसे अराजक और अनैतिक तत्वों को नजर अंदाज कर दिया जाय तो समाज का एक बड़ा तबका समाज सेवा के कार्य में जुटा है जो अपना धन, समय और उर्जा समाज के हित में व्यय करता है. और संस्थाए ऐसे लोगों के कारण ही समाज सेवी स्वरुप में पहचानी जाती है. हर जगह सकारात्मक और नकारात्मक पहलू और पक्ष होते है, लेकिन समय के साथ सकारात्मक पक्ष और पहलू ही मजबूत होते है, हो रहे है और होंगे. और ऐसा होगा तो इस प्रकार के तत्वों को भी ऐसा नहीं करना पड़ेगा जिन मजबूरियों और परिस्थियों के कारण वे ऐसा करते है. जनतंत्र के आगे व्यवस्था में समाजवाद की स्थापना के पीछे यही अवधारणा है.
संस्थानों को निजी, सरकारी व प्राइवेट या विदेशी अनुदान व सहायता मिलती रहे इसके लिए यह आवश्यक है कि संस्थान सतत सक्रिय रह कर समाज के सकारात्मक परिवर्तन के लिए कार्य करती रहे. अनुदान के लिए यह जरूरी है कि संस्था यह साबित करे कि वह बेहतर कार्य कर रही है और कार्य विस्तार के लिए उसे वास्तव में अनुदान चाहिए.
 
ट्रस्ट, सोसायटी या कम्पनी – क्या रजिस्टर करवाएं?
क्या आप ये जानना चाहते हैं कि आपको किस तरह की स्वयंसेवी संस्था (NGO) रजिस्टर करवाना चाहिए? ट्रस्ट, सोसायटी या कंपनी ? किसका रजिस्ट्रेशन आपके लिए बेहतर रहेगा ? स्वयंसेवी संस्था और किस प्रकार की स्वयं सेवी संस्था (NGO) आपको रजिस्टर करवानी चाहिए यह जानने के लिए आप इसे पढि़येगा:
स्वयंसेवी संस्था क्या है ? What is NGO?
 

How to Start NGO, How to Form NGO, How to Register NGO, How to Run NGO

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विस्तृत जानकारी के लिए स्वयं सेवी संस्था रजिस्टर करें Register NGO.